कहते हैं राजनीती समाजसेवा की अगली सीढ़ी है, मतलब ये की जब आप समाज सेवा करते हुए एक स्तर पर पहुंच जाते हैं तो फिर इंडिया जैसे वेलफेयर स्टेट्स में लोकतंत्र के माध्यम से आप को सत्ता भी मिल सकती है| इस सत्ता की मदद से आप “ग्रेटर कॉमन गुड्स” भी क्रिएट कर सकते हैं जो देश की संपत्ति बन कर लोगो की शाश्वत सेवा कर सकते हैं|
कुछ ऐसे ही इरादे नज़र आये मीरा रोड- भायेंदर के नए एन सी पी अध्यक्ष श्री संतोष पेंडुरकर के| सरकारी व्यवस्थाओ का निजीकरण हो या नहीं हो इस पर बहस कर रही मीरा रोड-भायंदर की जनता को श्री संतोष पेंडुरकर की approach को गहराई से समझना चाहिए| उनकी बातचीत में सरकारी तंत्र को मज़बूत बनाने की भाषा परिलक्षित होती है| उनके तेवर देख कर अंदाज़ा लगाना मुश्किल नहीं है की वो श्री शरद पवार जी के विज़न को नयी पीढ़ी तक पहुँचाना चाहते हैं और उसे युवाओ की ज़िन्दगी का हिस्सा भी बनाना चाहते हैं| कहने को तो ये मौका था, मीरा रोड-भायंदर में एन सी पी के नए कार्यालय के उद्घाटन का, मगर संतोष जी ने इसे परिवर्तित कर दिया कोरोना योद्धाओ के सम्मान समारोह में| इस अवसर पर संतोष जी ने मीरा रोड-भायेंदर के कुछ युवा नेताओ को मंच प्रदान किया और उन्हें विचार रखने का अवसर भी दिया| राजीनति एक सकारत्मक उर्जा भी है, इन युवा राजनीतिज्ञों के चेहरे को देख कर आपको एहसास होगा की एन सी पी की नयी ब्रिगेड मीरा भायंदर की राजीनति का चेहरा बदलने के लिए कटिबद्ध है| इसके अलावा सबसे ज्यादा ज़रूरी है संतोष पेंडूरेकर के उस नए विज़न को समझना जिसके साथ एन सी पी महाराष्ट्र और मीरा-भायेंदर की राजनीती में नए हस्ताक्षर करने जा रही है|हाल ही
में “भारत की बात” के अंतर्गत हमने इन ओजस्वी नेताओ से मुलाक़ात की मीरा भायेंदर
में एन सी पी के नए कार्यालय के उदघाटन के समय, अगर आप भी पोस्ट कोरोना वर्ल्ड में
एन सी पी के युवा नेताओ का ओज और उनके अध्यक्ष श्री संतोष पेंडूरेकर
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https://youtu.be/jyOclAZOT5s
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