इस साल मौनी अमावस्या के दिन इंदौरवासियों ने दो कुम्भ मेलो की खबर पर निगाह रखी, दोनों ही मेले आस्था से जुड़े हुए थे| पहला मेला था प्रयागराज में जहाँ कोरोना के डर को हराकर लोगो ने संगम में डूबकी लगाईं और दूसरा मेला था इंदौर का कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मलेन जहाँ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओ ने बडी संख्या में उपस्थित होकर कांग्रेस में अपनी आस्था दिखाई|
मेयर पद प्रत्याशी संजय शुक्ला ने खोला
बाज़ी का पहला पत्ता
संजय शुक्ला जी ने इस अवसर पर सभी का
ध्यान इंदौर शहर से जुडी नदी की ओर खींचा, उन्होंने कहा की पिछले बीस सालो में
भाजपा सरकार ने इस नदी में पानी की तरह पैसा बहाया मगर इसे साफ़ नहीं करवा पाए|
यहाँ पर ये समझना भी ज़रूरी है की स्वच्छता अभियान में मिली सफलता दरअसल एक चेक
लिस्ट पर आधारित होती है, किसी हद तक ये भी माना जा सकता है की इंदौर नगर निगम की
पिछली सरकार केवल उन्ही हिस्सों पर फोकस करती रही जो स्वच्छता सर्वे की चेकलिस्ट
में आते थे| ये पहला पत्ता खोलने के साथ ही संजय शुक्ला ने इशारा दे दिया की मेयर
पद का चुनाव लड़ते समय उनकी निगाह उन इलाको और मुद्दों पर रहेगी जो स्वच्छता प्रतियोगिता की वजह से नकार
दिए गए है|
कांग्रेस पार्टी में नयी डेमोक्रेटिक
परम्पराओ का आगाज़
रणनीतिक दृष्टि से संजय शुक्ला द्वारा
बुलाया गया कार्यकर्ता सम्मलेन काफी महत्वपूर्ण था, क्यूंकि इसे इंदौर कांग्रेस
में पनप रही नहीं डेमोक्रेटिक परम्पराओ से जोड़ कर देखा जा रहा है| दूसरी सबसे
ज़रूरी बात थी, इंदौर शहर से २०२१ में मेयर पद के प्रत्याशी श्री संजय शुक्ला में
पार्टी के कार्यकर्ताओ की आस्था| इस सम्मेलन में आये हजारो कार्यकर्ताओ ने दिखा
दिया की फील्ड का कार्यकर्ता भी उनके साथ है और सीनियर नेतृत्व को उन पर पूरा
भरोसा है| कांग्रेस नेता श्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा की संजय शुक्ला इस बार मेयर पद के प्रत्याशी होंगे, सिर्फ इस घोषणा भर
ने कांग्रेस को इस चुनाव में लीड दे दी है| मंच पर विनय बाकलीवाल, सुरजीत सिंह
चड्ढा, सुश्री विभा पटेल, सदाशिव यादव और आश्विन जोशी जैसे दिग्गज नेताओ की मौजूदगी
बरगद की उस छाया जैसी महसूस हो रही थी जिसके नीचे, कार्यकर्ता रुपी पुष्प और निकाय
सदस्य जैसी बेले आराम से पल्लवित हो सकती हैं|
वैलेंटाइन बनाम कोरोंटाइन डे
इसे किसान आन्दोलन का असर कहिये, या फिर
इंदौर की जनता में भाजपा के लिए व्याप्त इनकम्बेंसी का असर कहिये, कांग्रेस नेताओ के बयानो में मनोरजन और धार
दोनों नज़र आने लगी है| इस अवसर पर बोलते हुए कांग्रेस के श्री के के मिश्रा ने कहा
इस चुनाव के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता वैलेंटाइन डे मनाएंगे और भाजपा कार्यकर्ता
कोरोनटाइन पर जायेंगे| इस वक्तव्य के कई मायने निकाले जा सकते है, एक तरफ ये इशारा
करता है कोरोना के दौरान मिली प्रशासकीय विफलताओ की ओर और दूसरी तरफ ये दर्शाता है
की जिस तरह की सामजिक व्यवस्था भाजपा
चाहती है, उसके प्रति समाज के वर्ग में बड़ा असंतोष है| इस सम्मलेन में कुछ वक्ता सीधे सीधे वर्तमान
मेयर पर वार करने से नहीं चुके, जैसे की फौजिया अलीम ने कहा पिछली मेयर पांच सालो
तक ऑफिस में या फील्ड में नज़र ही नहीं आई, बस नज़र आये कुछ अफसर जिनके हाथ बंधे हुए
थे|
अपनी उम्मीदवारी announce होने के बाद
संजय शुक्ला भी कई ओपचारिक और अनोपचारिक मंचो पर यही बात उठाते हुए नज़र आये है,
पिछले दिनों सीनियर सिटीजन्स को शहर से बाहर फेंके जाने पर और उसके बाद अधिकारियों
और कर्मचारियों पर गिरी गाज़ के मामले में उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार को आड़े हाथो लिया
था| उनके अनुसार, इस मामले में उच्च पदाधिकारियों और राजनीति से जुड़े लोगो को भी
बराबरी से सजा मिलनी चाहिए|
पार्टी की विजयलक्ष्मी साधो ने इस कार्यकर्ता सम्मेलन में बहुत ही बाजिब सवाल उठाया जब उन्होंने कहा की हार कारणों की समीक्षा व्यक्तिगत स्तर पर होनी चाहिए, हर कार्यकर्ता को अपना आंकलन खुद भी करना चाहिए| इस कार्यक्रम में जीतू पटवारी जी ने एक बार फिर जीत के प्रति अपनी कटिबद्धता जाहिर की साथ ही इशारा दिया की जीतने की सम्भावना को टिकट बांटते समय प्राथमिकता दी जायेगी| उन्होंने इशारा दिया की इस चुनाव में टिकटों का आवंटन करते वक्त ऐसे तरीके अपनाए जायेगे, जिनसे जनता को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व संसद तक पहुँचाने का अवसर मिले|
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