रिआना और सुजन सेरेंदोंन यूँ ही भारत की राजनीति में दिलचस्पी नहीं दिखा रहीं हैं, बल्कि उन्हें नज़र आ रहा है कोरोना प्रूफ देश का चेहरा जो आने वाले कल में अपनी इकनोमिक पॉवर की वजह से दुनिया की महाशक्तियो में शामिल तो होगा मगर महाशक्ति होने की दादागिरी नहीं दिखायेगा| हर आन्दोलन के पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों साइड इफेक्ट्स होते हैं, किसान आन्दोलन का एक पॉजिटिव साइड इफ़ेक्ट ये भी हुआ है की जातिगत समीकरणों से आगे बढ़ कर लोगो ने खुद को अपने व्यवसाय के आधार पर भी देखना शुरु किया है| कोरोना की महामारी ने जिस तरह वैश्विक की जगह लोकल के मंत्र को आगे किया है उसकी वजह से अमेज़न, अलीबाबा और उनके चालीस चोरों को international expansion के प्लान को रीवर्क करने पर विवश कर दिया है|
मीरा भयंदर में नज़र
आया एक मैक्रो परिवर्तन का माइक्रो चेहरा
“किसान जीवी आन्दोलन”
और “महा-सेलिब्रिटीज” के “नक़ल करो tweet छापो” अभियान से परे मीरा रोड-भायेंदर में,
एन सी पी नेता श्री संतोष पेंडुरकर के नेतृत्व में इस नए दौर की राजनीति का शुभारंभ
हुआ एक कार्यालय के उदघाटन के साथ| इसे हम नए दौर की राजनीति इसलिए कह रहे हैं क्यूंकि
पहली बात तो ये कोई इवेंट जैसा नज़र नहीं आया| समाज सेवा का इरादा रखे कुछ लोग सादगी के साथ एक
जगह इकठ्ठा हुए, सामजिक सरोकार की बातें हुयी, एक ग्लोबल विज़न को लोकल स्तर पर उभारने
का प्रण लिया गया और मीडिया के लोगो को इस
इरादे का सन्देश दिया गया|
जातीवादी नहीं
कर्मवादी और गुणवादी प्रतिनिधित्व
हाल ही में अपने
कार्यालय के उदघाटन के दौरान श्री संतोष पेंडुरकर ने दो युवा नेताओ श्री तजिंदर
सिंह और श्री अमित सिंह को एन सी पी का ध्वजवाहक बनाया, कहने को ये आम
घटना है, ऐसा होता रहता है, लेकिन इसे ख़ास बनाया, संतोष जी द्वारा दिए गए
व्यक्तित्व परिचय ने| पहले चेहरे यानी तजिंदर सिंह का इंट्रोडक्शन देते समय संतोष
जी ज़ोर दिया उनके पदनाम पर| तजिंदर जी मीरा रोड-भायंदर के व्यापारी सेल के अध्यक्ष
हैं| इशारा एक दम साफ़ था की एन सी पी अब रोज़मर्रा ज़िन्दगी में आने वाली परेशानियों
को प्रमुखता देगी और उनके प्रतिनिधि इसी आधार पर लोगो को अपने साथ जोड़ेगे| श्री
तजिंदर सिंह ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा की सोशल मीडिया में कई ऐसे फोरम हैं जहाँ
लोग समान व्यवसाय के आधार पर जुड़ते हैं और धीरे धीरे एक कलेक्टिव बार्गेन जैसी
स्थिति का निर्माण होता है जो लोकतंत्र के लिए एक स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक है|
दूसरे प्रतिनिधि
हैं श्री अमित सिंह जो हिंदी भाषी सेल के अध्यक्ष है, अमित सिंह जी ने “ Hindi as a tool for unity” का
नारा बुलंद किया, उनका मानना है की मीरा रोड-भायंदर जैसे शहरो के लिए हिंदी भाषा
वो संगम स्थल बन सकती है जहाँ कई संस्कृतिया और भाषाए अनेकता में एकता का सपना
साकार कर सकती है| इन दोनों ओजस्वी युवाओ का का स्वागत करते हुए, पार्टी के नगर
अध्यक्ष श्री संतोष पेंडुरकर ने एक बार फिर से नए सामजिक गठन की परिकल्पना पर ज़ोर
दिया| बहुत कम उम्र से ही समाजसेवा जनित राजनीति में सक्रिय श्री पेंडुरकर उस
ग्लोबल विचारधारा का उल्लेख करना नहीं भूले जो कहती है की आने वाले समय में इंसान
का काम उसकी जाति से बड़ी पहचान बन जाएगा|
पिछले दिनों भारत
की बात ने इस कार्यक्रम को सजीव चित्रित किया और वक्ताओ के ओजस्वी विचारो को ज्यों
का त्यों इस विडियो में सहेज लिया| इस विडियो का अवलोकन अधोलिखित लिंक पर किया जा
सकता है|