शनिवार का दिन एक बार फिर “मुरैना ज़हरीली शराब कांड के नाम रहा,” पूरे दिन मुरैना का नाम इन्टरनेट पर ट्रेंड करता रहा, सक्रिय आबकारी विभाग और पुलिस के मिलेजुले प्रयासों से कुछ गाँवों के खेतो, खलिहानों और अन्य जगहों पर अवैध शराब की खेप बरामद होती रही|
लोकल मीडिया ने बड़े ही तल्ख़ अंदाज़ में आबकारी विभाग और मुख्यमंत्री को आड़े हाथो लिया, ऐसा करने के लिए उनके पास शराब का पूरा अर्थशास्त्र था| मुरैना शहर में एक क्वार्टर के दाम निर्धारित हुए थे 60 से 75 रूपये, मगर लॉकडाउन के बाद से ये शराब 110 रूपये में बेचीं जा रही थी (Dixit, 2021)| आबकारी विभाग की लापरवाही मानी जाए या मिलीभगत, इस price variance ने नकली शराब के माफियाओं को मौका दिया और उन्होंने राजस्थान और यूपी से स्मगल शराब के नाम पर भट्टी की शराब को बेचना शुरु कर दिया|जैसे जैसे मौत बढे, रहिमन पव्वा खुद
कहे पचास टका मेरो मोल
एक दिलचस्प बात और, सोमवार को जब
ज़हरीली शराब से मरने वालो का आंकड़ा 16 पर
था तब 110 में बिक रहा पव्वा 90 रूपये में मिलने लगा, मंगलवार को जब पांच और मौतों
की खबर आई तो दाम घटा कर 80 रूपये कर दिया गया| बुधवार को जब तीन मौते और हो गयी
तो ये दाम 70 रूपये रह गया| अब इसे आबकारी विभाग
की इस कार्यवाही को बेशर्मी कहा जाए, मक्कारी कहा जाए इसका फैसला आप खुद कीजिये|
आबकारी विभाग की ओर से भी इस price
variance को शराब माफिया के निश्शंक शासन का दोषी माना गया ह, और आबकारी विभाग की
संहिता की कुछ कानूनों का कड़ाई से पालन करवाने के निर्देश भी जल्द ही जारी होने की
सम्भावना है| मगर स्थानीय लोग आबकारी विभाग की इस लापरवाही या मिलीभगत को पिछले
दिनों हुए उपचुनावो और उससे पहले हुए शराब ठेकों के आवंटन से जोड़ कर भी देख रहे
हैं|
Dixit, S. (2021). चौबीस मौत के बाद जागा आबकारी महकमा, जगह जगह मिल रही हैं अवैध शराब की पटिया . MP Breaking News ,
https://mpbreakingnews.in/morena/illegal-liquor-boxes-are-being-found-everywhere/.
Rajput, R. S. (2020). मुरैना की घटना पर कमलनाथ का वार, शिवराज की माफियाओ के लिए सिर्फ फ़िल्मी डायलाग से काम नहीं चलेगा. MP Breaking News ,
https://mpbreakingnews.in/breaking-news/ex-cm-kamal-naths-attack-on-morena-incident-shivraj-ji-only-film-dialogue-will-not-work-for-mafia/.
0 Comments