मध्य
प्रदेश के शाश्वत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के व्यस्त इलाको
रोपवे स्थापित करने की योजना की मंज़ूरी दे दी| इंदौर शहर के विज़न डॉक्यूमेंट में
प्रस्तुत किये गए proposals में से उन्हें
ये प्रपोजल पसंद आया| इस प्रपोजल के मंज़ूर होने के बाद मैं ये कह सकता हूँ की
इंदौर की “विकास चित्र कथा” ने अब परीलोक में प्रवेश कर लिया है और माननीय शिवराज
सिंह जी हर लिहाज़ से बधाई के पात्र हैं|
बीमारू
राज्य से स्वच्छता सर्वे में नम्बर वन तक का सफ़र
बीस साल
पहले का समय याद कीजिये, आई ए एस की तैयारी कर रहे लोग मध्य प्रदेश का नाम बीमारू
राज्यों में गिना करते थे, योजना आयोग के कागज़ मध्य प्रदेश को पिछड़ा राज्य मानते
थे| औधोगिक इकाइयों के ह्यूमन रिसोर्स सर्वे मध्य प्रदेश की वर्क फ़ोर्स को “lazy work force” का टैग
दिया करते थे| आज उसी राज्य का सबसे बड़ा शहर भारत के सारे राज्यों को पछाड़ कर
स्वच्छता सर्वे में नंबर वन के पायदान पर बैठा है|
आज जब
विश्व की बड़ी बड़ी कंपनिया भारत में “मेक इन इंडिया” के अंतर्गत प्लांट लगाने के बारे
में सोच रही है तो इन्टरनेट की जानकारी उनसे कह रही है की” इंदौर को गौर से देखो”|
अगर फ़िल्मी अंदाज़ में कहा जाए तो हम कह सकते हैं की शिवराज सिंह जी ने लगान के भुवन
की तरह एक जगह की कमान संभाली और मध्य प्रदेश ने एक अनूठा “इंदौर मॉडल” रच डाला
जिसका अनुकरण गुजरात और बाकी राज्य कर सकते हैं|
निकाय
चुनाव और मेयर की पर्सनालिटी तय करेगी इंदौर की दशा और दिशा
मेयर
चुनाव में अब ज़रूरत है futuristic विज़न की
इंदौर मेयर
और निकाय चुनाव के द्वारा चुनी गयी कौंसिल में अब ज़रूरत है कुछ ऐसे चेहरों की
जिनके पास futuristic विज़न हो| जिस तरह दसवी और बारहवी के अध्यापक स्नातक और
परास्नातक लोगो को नहीं पढ़ा सकते उसी तरह, अब समय आ गया है जब राजनेतिक पार्टिया
उम्मीदवारों का चयन उस शहर के लोगो के लिए जिसने एक बीमारू राज्य को नम्बर वन राज्य
का दर्ज़ा दिलवाया गया है| तकरीबन दस साल पहले माननीय मोदी जी ने भारत को गुजरात
मॉडल का नारा दिया था| शिवराज सिंह जी अब सारे देश के सामने इंदौर मॉडल की नज़ीर
पेश कर सकते हैं बशर्ते की इस चुनाव मेयर
का चेहरा प्रस्तुत करते वक़्त भा ज पा और
अन्य दल, मेयर पद की शक्ति और गरिमा को उस स्तर पर ध्यान रखे जिस स्तर पर विश्व के
सबसे विकसित महानगरो में रखा जाता है|
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